क्या आप भी बहोत टेंशन लेते हो ? इसके कारण आपकों काम करते समय थकान भी होती हैं।
तोह इसके कारण हमारे जीवन पर क्या प्रभाव पड़ सकता हैं और उसके साथ उसपर उपाय भी देखेंगे। आज का जीवन ही ऐसा हो चुका हैं कि सबको आनेको बातों की समस्याएं होती हैं। इस कारण से कई नई बीमारियों ने आपने दिमाग में घर कर लिया हैं।
कई स्टूडेंट्स भी हम देखते हैं जो कि बहोत ट्रेस लेते हैं और परीक्षाओं से घबराते हैं। जब भी हम जादा सोचते हैं तो हमारा दिमाग थकने लगता हैं और यह तो स्टूडेंट्स के लिए बहोत ही खराब बात है। जब भी किसी विचार पर सोचते हैं तो हमारा ब्रेन उस काम को करणे में अपनी पूरी एनर्जी लगा देता हैं। अब कई लोगों के प्रश्न होंगे कि यह कैसे रोका जाए हमारा तो इसपर नियंत्रन ही नहीं होता है।
यह जानकर आपको आश्चर्य होगा की यह हम खुद कंट्रोल कर सकते हैं। सुबह उठकर मेडिटेशन करणे से कई हजारो समस्याओ पर हम नियंत्रण पा सकते हैं।
मेडिटेशन यह बहोत ही असरदार तरीका हैं जो आपको दिन भर काम करने के लिए तैयार रखता हैं। हम कॉम्प्यूटर का सीपीयू जैसे देखते हैं वैसा ही हैं हमारा दिमाग बस एक बहोत बड़ा फर्क हैं कि दिमाग में कई अनंत TB में हम मेमोरी स्टोरेज कर सकते हैं।
स्ट्रैस यह हम नार्मल भी कह सकते हैं। हमारे आसपास की छोटी चिजे भी हमे ट्रेस दे सकती हैं जैसे जादा आवाज में गाना सुनना तथा और भी कई बातें।
जैसे हम रात दिन परीक्षाओं में पढ़कर जाते हैं और परीक्षा के समय हम वहा सब भूल जाते हैं। यह भी कई बार हमारे साथ होता हैं।
इन सभी बातों से हम इनसोमनिया,डिप्रेशन,एनक्षयटी तथा सिरदर्द यह सामान्य प्रकार से हर रोज होने लगती हैं।
तथा इससे हमारी मौत भी हो सकती हैं। पल्मोनरी क्लॉट के कारण भी हम मर सकते है। पर आपको हैरान होने की बात नहीं है।जब भी कोई समस्या होती हैं तोह उसका हल जरूर होता हैं।
स्ट्रेस के कारण स्टेरॉइड हॉर्मोन कोर्टिसोल तैयार होता हैं और यह आपको के एडिक्शन को लगा देता हैं। तोह पहली बात तो यह हैं कि हमें फ्री माइंड से काम करना है चाहे कुछ भी हो। कई बार मालिक का प्रेशर होता हैं।
हमारी सबसे महत्वपूर्ण हेल्थ हैं और हमें इस दुनिया से कुछ लेना देना नहीं हैं। कोई भी बात होने से पहले ही हम उसके बारे में हजार बार सोचते हैं।
तो इस कारण हमारे ब्रेन का पार्ट अमेगडाला हमे और स्ट्रेस देता हैं तथा इसी समय हमारे बॉडी का पूरे हार्मोनल चेंजेस होते हैं। सेरोटोनिन और डोपामाइन यह हमारी खुसी के लिए रेस्पोंसिबल होते हैं।
यह न्यूरोट्रांसमिटर कम मात्रा में निकलने लगते हैं जिसके कारण हम डिप्रेशन में जाते हैं। कुछ प्रयोगों में पता चला हैं कि, इस कारण से हमे होने वाली बीमारिया बहोत ही घातक होती हैं । तथा कुछ समय बाद आपका दिमाग फ्रीज़ होने लगता हैं।
हमारी मेमोरीज को भी नुकसान पोहचती है। ब्लड ब्रेन बैरियर जो हमे आनेको टॉक्सिक एलिमेंट्स से बचाता हैं।
ब्रैन में जो फोल्ड्स होते हैं वह ही हमारे होशियारी के लिए रेस्पोंसिबल होते हैं। जैसे गाइराई औऱ सलसाई। स्ट्रेस के अल्जेइमेरस डिसीज भी हिता हैं। यह सब हमने बातें तो देखी हैं पर इससे हम कैसे बच सकते हैं? यह भी आपका सबसे बड़ा प्रश्न होगा।
हमें सबसे पहले ऑक्सीजन का जो फ्लो हैं उसको बढ़ाना पड़ेगा क्योंकि ऑक्सीजन यह गैस हमारे बॉडी के लिए जरूरी हैं पर यह गैस हमे ताजा और फ्रेश रखने में मदत करती हैं।
हमें रात में निंद इसी कारण से आती हैं। जब हम दिन भर काम करके आते है और इस वजहसे बॉडी थक जाती हैं। तो ऑक्सीजन की मात्रा बॉडी में कम होती हैं तो हम सों जाते है। एक्सरसाइज भी बहोत महत्वपूर्ण हैं जो कि हमारी मसल्स को रिलैक्स करती हैं।
कई सर्वेज में पता चला हैं कि 60% से भी ज्यादा अमेरिकन लोग एक सप्ताह में कई जादा ट्रेस को को सहन करते हैं।
आपको पता चला ही होगा कि हमारा ब्रेन किस कारणों से फ्रीज़ होता हैं और हम उसे सही समय पर रोक भी सकते हैं।
मुझे लगता हैं आप कुछ न कुछ समझ गए होंगे। अगर आपको यह पसंद आया तो मुझे नीचे कमेंट करके जरूर बताएं तथा आपका कोई ऐसा प्रश्न हो तो वह नीचे लीखिये मैं आपको उसका उत्तर जरूर प्रोवाइड करूँगा। इसको सभी के साथ शेयर भी करे तभी लोग थोड़ा बहुत इसको पढ़ेंगे और समझ पाएंगे।