| थकान |
थक मत जाना मेरे दूर से आये हुये राही । मंजिल अभी तो पानी हे,अपना रास्ता है सही। काटे तो हमेशा दर्द ही देते हे और दिखाते रास्ताही, चलणे की तयारी हमारी हो बस मिलता है सही ।।१।।
हर काम में अपनी जी जान लगाना, भगवान नहीं तो खुदा पायेगा एक नया अपसाना, गिरने की मत सोचो अभी तो बाकी है मिलना, जब तक न मिले तब तक छोड़ना मत ये अपसाना ।।२।।
'गिर कर उठना' यही सृष्टीका नियम है, यह हमारा, अपना वास्तवीक जिवन है, बैठने से यहाँ हार हो जाती है। और चलने से मंजिल आ जाती है ||३||
कल तो सभी करते हैं, पर मेरे तुम आज करो, कल तो कल होता है, और अभी तो अभी,, यही थोडा फरक है जो सक्सेस और अनसक्सेस में होता है ।।४।।
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