🥪 क्या मोटापे का असर अपने शरीर के दूसरे भागों पर भी होता हैं ?

क्या मोटापे का असर अपने शरीर के दूसरे भागों पर भी होता हैं ? 

मोटापा कई बीमारियों के लिए एक जोखिम कारक है। वह आपने आप में कई बीमारियां तैयार करने लगता हैं। 🍔🥪


जब एखाद व्यक्ति मोटापे से जूझता हैं तब उसे सिर्फ वही परेशानी नही होती हैं उसके साथ भी उसे कई और। बीमारिया भी घेर लेती हैं। आदमी बहोत ज्यादा स्थूल हो जाता हैं, इसका परिणाम अपनी जिंदगी और फैमिली पर भी पड़ता हैं।

दुनिया में सबसे ज्यादा यह बड़े बड़े देशों में हमे देखने को मिलता हैं। चाहे वह हम अमेरिका 🇦🇺 या चीन जैसे देश हो। हमने कई रोगों और अनेकों हेल्थ के माध्यमों को विज्ञान के ज्ञान जरिए सुलझा दिया हैं।

आज के समय इतना होते हुयेभी हम मोटापे की समस्या सही प्रकार नही सुलझा पा रहे हैं। माना की कई बार लोग यह चरबी ऑपेरशन कर के यह ज्यादा मात्रा में हुई चरबी को वह काट डालते हैं। 

यह एक सिंगल समस्या नही हैं,यह तो मैंने आपको पहले ही बताया हैं पर इसकी वजहसे हमे दूसरी कितनी प्रकार की बीमारियां आ सकती हैं यह आप नीचे पढ़ कर जान जाएंगे।

1.मस्तिष्क में रक्तस्राव-  यह भी आजकल बढ़ रही बहोत बड़ी समस्या हैं। 🧠🧠🧠


2. उच्च रक्तदाब-  

यह तो आपको भी पता होगा की आजकल लोगों के खाना खाने की आदत की वजहसे उच्च रक्तदाब जैसी स्तिथि उत्पन्न हो रही हैं। ज्यादातर तो इसके ही पेशेंट आजकल हमे हॉस्पिटल में देखने को मिलते हैं। इसके साथ मधुमेह भी हैं जो की बढ़ती आबादी के साथ बढ़ रहा हैं।🩸🩸🩸


3.  मोतियाबिंद- 

बहोत लोगों को यह पता नही होगा की हमे चरबी के वजहसे हमें आखों की भी बहोत समस्या आ सकती है। वह कारण अलग हैं जो की बहोत चरबी वाले लोग ज्यादा tv या दूसरे सोशल मीडिया चैनल देखते हैं। 👁️


4.  पित्ताशय की थैली विकार-

बढ़ते वजन के साथ खाना भी हमे ठीक से हमे डाइजेस्ट नही होता।🥴🤕😷 पित्ताशय और अपचन भी कॉमन सभी मोटे लोगों में पाया जाता हैं।

5.  गौट- 

इसके कारण शरीर के मसल्स में बहोत दर्द होने लगता हैं। तथा कई बार बढ़ते चरबी के साथ ही सांस में कठिनाई भी होने लगती हैं। इसके साथ ही कैंसर होने की भी संभावना हो सकती हैं। महिलाओंमें कई बार इसका असर मेंस्ट्रुअल साईकल पर भी पड़ता है इसमें अनियमितता और कई बार अनेकों समस्याओंको भी फेस करना पड़ता हैं।🐝🐞

हालांकि मोटापा विभिन्न बीमारियों के लिए एक जोखिम का कारण है, लेकिन जोखिम शरीर के उस हिस्से पर निर्भर करता है जहां वह फैट जमा होती है। फैट के वितरण के आधार पर मोटापा दो प्रकार का होता है: केंद्रीय मोटापा या परिधीय मोटापा। इसे 'ऐप्पल' मोटापा या 'नाशपाती' मोटापा भी कहा जाता है। 

इसे क्रमशः Android और Gynoid मोटापा भी कहा जाता है। केंद्रीय मोटापा अधिक खतरनाक माना जाता है। कई लोगों में तो हम यह केंद्रीय मोटापा ही देखते हैं। जो की उनको बहोत परेशान करता है। वयस्कता में मोटापे और मधुमेह के बीच की कड़ी दशकों से जानी जाती है।  👩‍🦽👩‍🦽🧓

अलग-अलग उम्र और वजन के पुरुषों और महिलाओं में इंसुलिन प्रतिरोध और मोटापे के बीच संबंध देखा गया है।


मोटापा सिर्फ खाने या पीने से ही नही आता हैं उसका कारण कई बार हमे अलग भी हमे देखने को मिलता हैं। जैसे की जब हमारे शरीर मे बहोत मात्रा में हार्मोनल चेंज हो तब उसका असर हमारे बॉडी पर पड़ता हैं,कई बार यही मोटापा बढ़ता हैं।🥘🍝🌮🥙🙊❤️

मुझे लगता हैं आप कुछ न कुछ समझ गए होंगे। अगर आपको यह पसंद आया तो मुझे नीचे कमेंट करके जरूर बताएं तथा आपका कोई ऐसा प्रश्न हो तो वह भी नीचे लीखिये मैं आपको उसका उत्तर जरूर प्रोवाइड करूँगा। 🤡


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