🤯 क्या उपवास रखने से दिमाग तेज़ हो सकता है ?

क्या उपवास रखने से दिमाग तेज़ हो सकता है ?

क्या आपको भी कभी कभी उपवास रखना चाहिए। इससे हमें क्या फायदे और नुकसान हो सकते हैं यह सब जानने के लिए अंत तक लगे रहे हमारे साथ।


दोस्तो उपवास का नाम आतेही सबसे पहले नाम आता हैं भारत का, क्यों की सबसे ज्यादा मात्रा में उपवास भारत मे ही किये जाते हैं और वह भी कई बार एक या दो दिन तक। 
यह प्रथा बहोत ही प्राचीन हैं,इसका पहले तो कोई भी वैज्ञानिक कारण नही था बस उपवास की प्रथा ही चली आ रही थी। भारत मे महिलाएँ अपना व्रत तथा इसे अपनी तपस्या मानती थी।अपने पति,अपने बच्चे तथा अपने परिवार के लिए यह उपवास करती थी। 

हिंदू संस्कृती में प्रमुख तौर पर महिलाएँ उपवास के दिन कुछ फल और कुछ अन्य उपवास के पदार्थों का ही सेवन करती हैं। इसके साथ ही देखा जाये तो इस्लामिक धर्म मे उपवास करने से पहले भोजन ज्यादा मात्रा में लिया जाता हैं तथा फिर पूरे दिन में वह कुछ भी नही खाते या पीते हैं। 

इसके साथ मैं यह भी बताना चाहूंगा की वह अपनी थूक को भी अपने गले मे  नही जाने देते हैं।पर हम हर बार सोच मैं पड़ जाते हैं,उपवास करने का क्या यही एक कारण हैं जो की भगवान की आराधना ही करनी है। इसके दूसरे कुछ फायदे हैं या नही? यह तो आपके मन मे आता ही होगा। 

पर मैं आपको बतादूँ की उपवास की प्रथा को जिसने भी चालू किया हैं उसका मकसद यही होगा की उसकी तबियत सही और तंदुरुस्त रहे। क्यों की उपवास यह किसी भगवान या वरदान प्राप्ति के लिए नही होता हैं, इसका जो वैज्ञानिक कारण हैं वह सुनकर आप भी चौक जाएंगे। 

पहले लोगों को पकाकर खाने की आदत नही थी जितना आज अच्छा खाना होता हैं , उस वक्त वैसा खाना नही होता था इस लिये लोग हप्ते में एक बार तो कम से कम उपवास रखते थे। 

जिससे की उनके पेट को आराम मिल सकें। हम सभी जीव हैं हमारे शरीर के सभी भागों को कुछ समय आराम की आवश्यकता होती हैं। 
हम जब खाना खाकर सो जाते हैं तब हमारा पेट काम कर रहा होता हैं। उसको कभी भी आराम नही मिलता और मैं जब हमेशा खाने वाले लोगों की बात हो तो सोचो ही मत। 

यह तो गया पेट के आराम की बात पर इसके कुछ और भी लाभ हैं क्या? सबसे बड़ी बात यह है की जब आप भूखे रहते हैं तब आपका दिमाग सबसे ज्यादा तेज रहता हैं,इसका मतलब यह नही हैं की आप भोजन करना ही बंद कर दे। 

जब आप पेट भर कर खाते हैं तब आपकी सभी एनर्जी,उस खाये हुए खाने को डाइजेस्ट करणे में ही लग जाती हैं।
इसका सबसे आसान उदाहरण हम यह ले सकते हैं की जो भी मोटे और तगड़े फुले हुए लोग होते हैं उनको जस्ट खाने के बाद ही आलस आ जाता हैं तथा उनकी कुछ काम करने की इच्छा नही होती है। 

वह बात अलग जब हमें पतले लोगों को भोजन करने के बाद नींद आने लगती हैं। पर कई वैज्ञानियोने जब रिसर्च करके अपनी मत दिया तब यह बताया गया की जो भी लोग ज्यादा मात्रा में उपवास या नियमित भोजन अपने शरीर की आवश्यकता के अनुसार ही करते हैं उन उन लोगों में बहोत ही एनर्जी देखी गयी हैं। 

आदमी जब भी बहोत ही एनर्जी से भरा हुआ होता है तब उसका माइंड बहोत ही तेज होता है। हमारे विचार शक्ति तभी चालना मिल पाएगी जब हम यह सोचेंगे की खाना ही जीवन नही हैं बल की हमे जीवन जीने के लिए खाना खाने की आवश्यकता हैं। 
आप अपने दिमाग को ज्यादा फ्रेश रखने के लिए दुकान या बेकरी की मसालेदार और मैदे जैसी पदार्थों का सेवन बहोत ही कम करे। वह चीजे हमे बहोत ही टेस्ट देती हैं पर जब वह गले के बीच उतरती हैं तब वह बहोत ही आपके शरीर को नुकसान पोहचाती हैं। 

ऐसी चीजों से दिमाग ठीक से सोच नही सकता हैं । ऐसे तो उदाहरण आपको भी बहोत मात्रा में पता होंगे। आप अगर चाहते है की यह आपके जीवन मे बदलाव आएं तो आप इसे जरूर करे।कभी कभी अपने पेट और मन को आराम दिया करों। 

जो भी ओबेसिटी और ऐसी कई बिमारिओं से ग्रसित हैं वह तो उपवास अपने जीवन मे रखे ही रखे। आपका क्या विचार है इसपर ? मुझे कमेंट करके निचे जरूर बताना। अपने दोस्तों को भी यह शेअर करना जिससे वह भी कुछ जान पाएंगे। आप भी ऐसी रोचक बातें मुझे नीचे कमेंट बॉक्स में बता सकते हैं तथा मैं आपको जवाब भी दूँगा। 

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